बूढ़ी औरत के 50 रुपए… Heart Touching Emotional Story


बूढ़ी औरत के 50 रुपए… Heart Touching Emotional Story

गरीब- भिखारियों को दान तो हम सब ने दिया है। दान देना बहुत अच्छी आदत भी है। लेकिन यकीन मानिए इस कहानी में किसी जरुरतमंद की मदद करने का जो तरीका बताया गया है, वो जरूर ही आपके दिल को छू लेगा।
एक शक्स पैदल किसी रास्ते से जा रहा था। उसने देखा कि सामने एक बिजली के खंभे में पेपर चिपका पड़ा है और उसमें कुछ लिखा हुआ है।
उसमें लिखा था कि कल इस रास्ते से गुजरते वक्त मेरे 50 रुपए कहीं गिर गए मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता है। कृप्या इस रास्ते पर कहीं भी, किसी को भी मेरे 50 रुपए मिले तो इस पत्ते पर पहुंचा दें।
नीचे लिखे पते को पढ़कर उस शख्स का मन वहां जाने का करने लगा। उस शख्स ने पते को याद किया और उसकी तरफ बढ़ने लगा। वहां जाने के बाद जब उसने आवाज लगाई तो देखा कि गली के आखिरी में एक झोपड़ी है और वहां से एक बूढ़ी औरत लाठी के सहारे बाहर निकल कर रही है। उस शख्स को मालूम हुआ कि वो वृद्धा वहां अकेली रहती थी।
बूढ़ी औरत के सामने आने पर उस शख्स ने उससे कहा कि मां जी आपके 50 रुपए जो गिरे थे, वो मुझे मिले हैं। ये रहे आपके 50 रुपए।
उस शख्स की बात सुनकर बूढ़ी औरत रोने लगी और कहा- बेटा, कल से अब तक करीब 20-25 लोग मुझे 50 रुपए दे कर जा चुके हैं। बेटा मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता। मुझे पढ़ना- लिखना भी नहीं आता है। ना जाने किसने मेरी हालत देख कर मेरी मदद के लिए ऐसा किया है।
उस शख्स के बहुत कहने पर उस बूढ़ी औरत ने उससे 50 रुपए तो ले लिए, लेकिन उस शख्स से विनती करते हुए कहा कि बेटा जाते वक्त वो संदेश जरूर फाड़ कर फेंक देना। ना जाने किसने मुझपर तरस खाकर ऐसा किया है। उस शख्स ने सिर हिलाते हुए बूढ़ी औरत की बात पर हामी भर ली।
थोड़ी दूर जाने के बाद वो शख्स सोचने लगा कि आखिर मुझसे पहले आए उन 20-25 लोगों को भी तो उस बूढ़ी औरत ने वो संदेश फाड़ने को कहा होगा, लेकिन किसी ने उसे अब तक फाड़ा नहीं है। तो फिर मैं कैसे उसे फाड़ दूं।
उस शख्स के मन में उस व्यक्ति के लिए बहुत ही आदर का भाव रहा था, जिसने बूढ़ी औरत की सेवा के लिए इस तरीके को ढूंढा। उस शख्स का मन उस व्यक्ति के लिए कृतज्ञता से भर चुका था। फिर क्या था उस शख्स ने भी बिजली के खंभे में लगे उस संदेश को वैसे ही रहने दिया।
दोस्तों, इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमारे मन में सिर्फ कर्म करने की इच्छा होनी चाहिए, मदद के तो अनेकों तरीके हैं। अगर हमारे अंदर किसी की मदद करने की इच्छा हो, तो हम किसी ना किसी रुप में भी जरुरतमंद की सेवा कर सकते हैं।
करम तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है
नियत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है।

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